· आज का आदमी बहुत उलझा हुआ है , वह न तो व्यवहार में स्पष्ट है और न बातों मे शायद यह सबको खुश करने की नीति के कारण ही है , इस युग में सफल होने का एकमात्र उपायय मूक दर्शक बनना ही है l
अघोरेश्वर वाणी ----
मनुष्य-मन को जो उलझाता है, व्यथा उत्पन्न करता है, दृष्टि में दोष उत्पन्न करता है, काया को सुख से वंचित रखता है उसे मनुष्य-मन स्वीकार नहीं करना चाहता और करना भी नहीं चाहिये l जो मनुष्य मन मे आह्लाद उत्पन्न करता है, अच्छे गुणों की तरफ प्रेरित करता है, भविष्य में भी कल्याणकारी होता है l वही मनुष्य के मन के अनुकूल भी होता है l सज्जन मनुष्य उसे ही ग्रहण भी करते है, उसी पर दृष्टि भी देते हैं l वह मनुष्य के लिए कल्याणकारी होता है l अज्ञानता से वंचित करता है l मनुष्य जीवन में परिवर्तनशील होता है l मनुष्य-मन दुर्बलता को त्याग कर सबलता की तरफ अग्रसर होता है l
आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
ReplyDeleteलिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी
100% sahi.narayan narayan
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