गुरू वाणी
· लोक सेवा करनी है तो स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना होगा l
· निष्काम सेवा से लोगों के दिल में प्रतिष्ठा मिलती है l
· बिखरे को एकत्र करना ही मानवता की सेवा है l
· निष्काम लोक सेवी को सेवकों की होड़ में सबसे आगे रहना चाहिए l
· सेवा श्रद्धा से करनी चाहिए, दबाव से नहीं l
· सेवा निष्काम होनी चाहिए, सेवा की कोई कीमत नहीं लगा सकता l
· सेवा सुखी की नहीं दुःखी की करनी चाहिए l
· जन सेवा का अवसर मिलने पर कभी भी पीछे न रहो l
· थोड़ा समय भी निःस्वार्थ सेवा में लगाओ l
· सेवा में व्यस्त रहना स्वर्ग सुख पाना है l
· सेवा में थकना पाप है l
· सेवा में कोई भी काम छोटा नहीं है l
· सेवक को अपने स्वामी के साथ प्रतिक्षण रहना होगा lस्वामी समझना होगा
तभी वह सेवा मे निष्ठा ला सकता है l वह अपने स्वामी को स्वयं समझेगा उसके
सुख दुःखों को अपना समझेगा तभी उसकी सच्ची सेवा होगी l स्वामी के शरीर को
अपने शरीर की भांति देखभाल करनी होगी l ऐसा जो कर लेगा वह परम पद को
पा लेगा l
· जनता की सेवा ही ईश्वर की भक्ति है, सेवा भी निःशुल्क सेवा का अर्थ ही है
स्वार्थ का त्याग l
· सेवा अवसर दो या शरीर बदल दो l
· सेवा की कीमत नहीं दी जा सकती l
· कुमारी सेवा की अवतार है, कुमार से यही अन्तर है l
namaskar
ReplyDeleteaapne achi lekh likha hai ...bhaavo ki sahi abhivyakti hai ..bahut hi sochniya vichaar hai "Bhakti " ke baate men ..
meri badhai sweekar kare...
dhanywad..
pls visit my blog " poemsofvijay.blogspot.com " aur meri kavitao par kuch kahiyenga , specially "tera chale jaana " aur " aao Sajan " par .. mujhe khushi hongi ..
dhanyawad..