Aughad Baba

Aughad Baba

Saturday, January 17, 2009

mangaldhanram




गुरू वाणी






· लोक सेवा करनी है तो स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना होगा l





· निष्काम सेवा से लोगों के दिल में प्रतिष्ठा मिलती है l


· बिखरे को एकत्र करना ही मानवता की सेवा है l


· निष्काम लोक सेवी को सेवकों की होड़ में सबसे आगे रहना चाहिए l


· सेवा श्रद्धा से करनी चाहिए, दबाव से नहीं l


· सेवा निष्काम होनी चाहिए, सेवा की कोई कीमत नहीं लगा सकता l


· सेवा सुखी की नहीं दुःखी की करनी चाहिए l


· जन सेवा का अवसर मिलने पर कभी भी पीछे न रहो l


· थोड़ा समय भी निःस्वार्थ सेवा में लगाओ l


· सेवा में व्यस्त रहना स्वर्ग सुख पाना है l


· सेवा में थकना पाप है l


· सेवा में कोई भी काम छोटा नहीं है l


· सेवक को अपने स्वामी के साथ प्रतिक्षण रहना होगा lस्वामी समझना होगा


तभी वह सेवा मे निष्ठा ला सकता है l वह अपने स्वामी को स्वयं समझेगा उसके


सुख दुःखों को अपना समझेगा तभी उसकी सच्ची सेवा होगी l स्वामी के शरीर को


अपने शरीर की भांति देखभाल करनी होगी l ऐसा जो कर लेगा वह परम पद को


पा लेगा l


· जनता की सेवा ही ईश्वर की भक्ति है, सेवा भी निःशुल्क सेवा का अर्थ ही है


स्वार्थ का त्याग l


· सेवा अवसर दो या शरीर बदल दो l


· सेवा की कीमत नहीं दी जा सकती l


· कुमारी सेवा की अवतार है, कुमार से यही अन्तर है l

1 comment:

  1. namaskar

    aapne achi lekh likha hai ...bhaavo ki sahi abhivyakti hai ..bahut hi sochniya vichaar hai "Bhakti " ke baate men ..

    meri badhai sweekar kare...

    dhanywad..

    pls visit my blog " poemsofvijay.blogspot.com " aur meri kavitao par kuch kahiyenga , specially "tera chale jaana " aur " aao Sajan " par .. mujhe khushi hongi ..

    dhanyawad..

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