Aughad Baba

Aughad Baba

Saturday, January 17, 2009

mangaldhanram



गुरू वाणी




· त्याग से प्रेम सींचा जाता है l

· प्रेम की सीमा खुश रखने में है, सिर्फ खुश रहने में नहीं l

· सर्वदा सब काम तत्परता से करो l

· जो भी काम करो पुरा करो l

· जो भी साथ में हो उसकी मदद करो l

· सबसे बुरा परिणाम मौत का होता है उसके लिए भी तैयार रहो l

· सभी विपत्ति साथ में अच्छी है l

· श्रद्धा से श्रद्धा का पात्र बनो l हमेशा शान्त रहने की कोशिश करो l

· सत्य बोलने से वाणी में शान्ति आती है l

· विश्वास के बिना कोई सिद्धि नहीं मिलती l

· अपमान कभी होता ही नहीं, अपनी समझ है l

· आत्मा को समझने वाला दुःखी नहीं होता l

· समय को पहचानो, समय तुम्हारा है l

· जो भी कना हो, करने के पहले सोचिये l

· चलने के पहले ही रास्ता बन जाता है l

· जल के प्रवाह से सीख लो l

· एक स्थान शान्ति देने वाला बनाओ l

· सम्पत्ति की शोभा सहयोग में है l

· जीवन कब मोड़ लेगा समय ही जानता है l

· किसी के पीछे मत रहो, तुम स्वयं अपनेपीछे रहो l

· कौन जानता है कब कौन कहाँ रहेगा इसलिए प्रिय भाषण करो l

· स्मृति से पास जाने की लालसा बढ़ जाती है l

· नम्र बनने के लिए अपने को हीन समझना होगागा l

· चल देने पर रास्ता मिल जाता है l

· सब जगह सब समय बोलना ठीक नहीं है l

· हक लेने में झुकना कमजोरी का प्रतीक है l

· अच्छे काम को अकेले भी करना चाहिए l

· बिना जरूरत भी सम्पर्क कायम रखो l

· सुनने वाला तैयार न हो तो न कहो l

· गलत काम का विरोध सही ढंग से करो l

· आशावादी होना दुःख के लिए जगह बनाना है l

· किसी कीमत पर महान पुरूषों का साथ मत छोड़ो l

· मारना है तो अभिमान को मारो l

· शान्ति के लिए भीतर देखो l

· बिना जरूरत नहीं बोना ही मौन है l

· अधिक बातें करना दुर्बलता है l

· आज का समय शान्तिपूर्ण बिता लो l

· भूलना है तो सब भूल जाओ l

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